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Friday, April 26, 2024

LPG cylinder के इन कोड पर जरा ध्यान दें, आपका परिवार खतरे में तो नहीं?

LPG cylinder: गैस सिलेंडर हर घर का प्रमुख हिस्सा बन गया है अब लगभग हर घर में गैस सिलेंडर को देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने देश के गांव-गांव तक रसोई गैस सिलेंडर को पहुंचाया है। अब यहां पर गैस सिलेंडर की बात हो रही है तो हम आपको सिलेंडर से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक जानकारी बताने जा रहे हैं जिसे शायद ही कोई जानता हो। दरअसल गैस सिलेंडर पर हम कुछ नम्बर लिखे हुए देखते हैं। क्या कभी आपने सोचा है कि उन नम्बरों या फिर एक तरह के कोड के क्या मायने हो सकते हैं? अगर अब तक आपका ध्यान इस ओर नहीं गया तो आप बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी से अंजान है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं..

गैस सिलेंडर (LPG gas cylinder) को लेकर शायद आप इस बात से अंजान होंगे कि यह एक्सपायर भी हो सकता है?

जी हां जैसे कि आप खाने-पीने की चीजों में एक्सपायरी डेट देख सकते हैं, दवाई-गोलियों में एक्सपायरी डेट होती है तो ठीक वैसे ही सिलेंडर पर भी एक्सपायरी डेट होती है। अगर सिलेंडर को समय पर चेक न किया जाए तो यह आपके लिए बड़ा ही खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिहाज से इस खबर को पूरा जरूर पढ़ें।

कितने साल की होती है गैस सिलेंडर की उम्र: इतनी खबर पढ़ने के बाद आपके मन में भी कुछ ऐसा ही सवाल आया होगा कि आखिर एक गैस सिलेंडर की उम्र कितने साल की होती है? हालांकि जानकारी के लिए आपको बतादें कि जब सिलेंडर का निर्माण होता है तो प्रत्येक सिलेंडर पर उसकी एक्सपायरी डेट डाल दी जाती है जैसा की हर तरह की खाने-पीने की चीजों में एक्सपायरी डेट होती है ठीक वैसे ही डेट सिलेंडर पर डाल दी जाती है। तो यहां पर हम आपको बतादें कि प्रत्येक सिलेंडर की उम्र 15 साल की होती है। यानी जब गैस सिलेंडर का निर्माण होता है तो वह उस तारीख से 15 साल तक वैलिड होता है उसके बाद यह खतरे की घंटी बन जाता है।

हम कैसे चेक करें गैस सिलेंडर की उम्र: अब आपके भी मन में कुछ इसी तरह का सवाल दौड़ता होगा कि आखिर हम कैसे चेक कर सकते हैं अपने घर में लगे सिलेंडर की एक्सपायरी डेट को? दरअसल रसोई गैस सिलेंडर की एक्सपायरी की पहचान के लिए इसकी साइड पट्टियों पर एक स्पेशल कोड लिखा जाता है। प्रत्येक सिलेंडर का कोड अलग होता है। A, B, C और D से इन कोड़ की पहचान की जाती है। इनके आगे दो अंको का एक नंबर लिखा होता है। कुछ ऐसा- A 24, B 25, C 26, D 22. यहाँ A, B, C और D का मतलब महीने से है। A का इस्तेमाल जनवरी, फरवरी और मार्च के लिए किया जाता है। B का इस्तेमाल अप्रैल, मई और जून के लिए किया जाता है। C का इस्तेमाल जुलाई, अगस्त और सितम्बर के लिए किया जाता है। वहीं D का इस्तेमाल अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए किया जाता है। इसके अलावा दो अंकों वाले नंबर जिस साल में सिलेंडर की टेस्टिंग होनी है, उसके आखिरी दो अंक होते हैं।

क्यों लिखे जाते हैं ऐसे कोड: अब आप सोचते होंगे कि कोड लिखने की क्या आवश्यकता है सीधे एक्सपायरी डेट ही मेंशन कर देना चाहिए तो हम आपको बता दें कि कोड्स का इस्तेमाल सिलेंडर की टेस्टिंग डेट के लिए किया जाता है। मान लीजिए किसी सिलेंडर पर बी 25 कोड लिखा है, इसका अर्थ यही है कि उस सिलेंडर को साल 2025 के अप्रैल, मई और जून महीने में चेक किया जाएगा या उसकी टेस्टिंग की जाएगी। आपको बस इस बात का ध्यान रखना है कि जो सिलेंडर आपके घर आए उस पर आप सिर्फ साल का कोड देखें।

गैस सिलेंडर को कितने टेस्ट से गुजरना होता है: आपके घर में सिलेंडर पहुंचने से पहले उसे कई परीक्षाओं से गुजरना होता है तब जाकर वह आपके पास आता है। जी हां कई टेस्ट के बाद ही सिलेंडर आप तक पहुंचता है। जानकारी के लिए आपको बतादें कि टेस्टिंग के बाद ही एलपीजी गैस सिलेंडर BIS 3196 मानक को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। आपके घर में डिलीवरी से पहले सिलेंडर की टेस्टिंग होती है। 15 साल में दो बार हर सिलेंडर की क्वालिटी चेक होती है। पहला टेस्ट 10 साल बाद होता है फिर उसके बाद 5 साल बाद दोबारा टेस्ट किया जाता है। बता दें कि ऐसे सिलेंडर जिनकी डेट निकल चुकी है उनका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है।

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