दिल्ली देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जो कोरोना की तीन-तीन लहर देख चुका है। तीसरी लहर का असर पहली दो लहर से ज्यादा भयावह रही। इस दौर में रोजाना मिलने वाले संक्रमित मरीज और मौतों में दोगुना से भी ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिली। विशेषज्ञ अभी चौथी लहर आने की आशंका से इंकार से नहीं कर रहे हैं। ऐसे में आम लोगों को सर्तकता बरतने की सलाह दी गई है।
आंकड़ों पर गौर करें तो बीते 2 मार्च को राजधानी में पहला कोरोना संक्रमित मरीज मिलने और 14 मार्च को आरएमएल अस्पताल में पहली मौत होने से लेकर अब तक सबसे ज्यादा असर नवंबर माह में दिखाई दिया है। नवंबर माह में दिल्ली के 1,82,010 लोगों को संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया। जबकि इसी महीने में सबसे ज्यादा 2698 लोगों को मौत की नींद सुला दिया।
जून और सिंतबर माह में संक्रमण की दो लहर देखने को मिली थी लेकिन उस दौरान रोजाना मरने वालों का आंकड़ा 100 तक भी नहीं पहुंचा था लेकिन तीसरी लहर आते आते यह गंभीर स्थिति बन गया। विशेषज्ञों की मानें तो संक्रमण की और भी लहर दिखाई दे सकती हैं।
सफदरजंग अस्पताल के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि कोरोना की लड़ाई अब टीका तक पहुंच चुकी है। भले ही आने वाले दिनों में टीका उपलब्ध होने की उम्मीद है लेकिन संक्रमण की चौथी लहर से इंकार नहीं किया जा सकता। लोगों को अभी से सतर्कता बरतनी होगी।
वहीं प्रोफेसर रिजो एम जॉन का कहना है कि दुनिया के ज्यादात्तर देशों में कोरोना वायरस की अगली लहर खतरनाक ही देखने को मिली है। अमेरिका, इटली, फ्रांस, ब्राजील इस वक्त दूसरी लहर देख रहा है। ऐसे में जरूरी है कि हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना जरूरी है। टीका आने के बाद भी चेहरे पर मास्क पहनना अनिवार्य है। इसके अलावा सोशल डिस्टैसिंग सभी के लिए अनिवार्य है।