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Friday, April 26, 2024

अब मंहगे हो जायेंगे लोन और बढ़ेगी EMI , RBI इस महीने 0.5% तक बढ़ा सकता है रेपो रेट

अगस्त की महंगाई दर डराने वाली है. कई कोशिशों के बावजूद महंगाई दर पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है. इससे पहले भी रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ाए हैं ताकि महंगाई रुक जाए. लेकिन इसमें बड़ा सुधार देखने को नहीं मिला है. अगस्त महीने में रिजर्व बैंक (आरबीआई) की लिमिट से अधिक महंगाई की दर सामने आई है. इसे देखते हुए सितंबर में फिर से रेपो रेट बढ़ने की संभावना तेज हो गई है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई सितंबर में 50 बेसिस पॉइंट तक रेपो रेट बढ़ा सकता है. ऐसा होने से कर्ज की दरें महंगी होंगी और ईएमआई भी बढ़ जाएगी.

सोमवार को जारी आंकड़े से पता चलता है कि जुलाई में महंगाई दर 6.71 परसेंट थी जो अगस्त में बढ़कर 7 परसेंट पर पहुंच गई. ‘रॉयटर्स’ ने कुछ अर्थशास्त्रियों से सर्वे कराया था जिसमें अगस्त में महंगाई दर 6.9 परसेंट रहने का अनुमान जताया गया था. लेकिन असली आंकड़ा इससे अधिक बढ़कर 7 फीसद पर पहुंच गया. खाने-पीने की चीजों की महंगाई बढ़ने से कुल महंगाई दर वृद्धि देखी जा रही है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बार्कलेज बैंक के चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट राहुल बजोरिया रॉयटर्स से कहते हैं, एक और भी महीने में लक्ष्य से अधिक महंगाई दर मॉनिटरी पॉलिसी को सख्त बना सकती है. 30 सितंबर को होने वाली एमपीसी बैठक में इसका असर देखा जा सकता है. महंगाई दर पिछले कई महीने से ऊंची बनी हुई है और अगस्त का डेटा भी बढ़कर आया है. इसका असर एमपीसी मेंबर पर देखा जाएगा जो पहले से ही महंगाई दर को लेकर दबाव में हैं.

एक्सपर्ट का मानना है कि आरबीआई की एमपीसी मीटिंग में सितंबर में दो बार में 25-25 बेसिस पॉइंट तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. इससे रेपो रेट के 6.40 फीसद तक पहुंच जाएगा. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के मुताबिक सितंबर को पहले दो हफ्ते में कम बारिश के चलते खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं. इससे सितंबर सीपीआई महंगाई की दर 7.3 फीसद रहने का अनुमान है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने अनुमान जताया है कि इस वित्त वर्ष में महंगाई दर 6.7 फीसद के औसत पर बनी रहेगी.

कहां पहुंची महंगाई दर

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खुदरा महंगाई अगस्त महीने में बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच गई है जबकि जुलाई के महीने में यह 6.71 प्रतिशत थी. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अगस्त में प्रमुख महंगाई 5.9 प्रतिशत रही है जो लगातार चौथे महीने रिजर्व बैंक के अधिकतम संतोषजनक स्तर 6 प्रतिशत से नीचे है. प्रमुख महंगाई में खाद्य और ऊर्जा उत्पादों के दाम शामिल नहीं होते हैं.

वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (सकल मुद्रास्फीति) जुलाई 2022 में 6.71 प्रतिशत से मामूली बढ़कर अगस्त महीने में सात प्रतिशत पर पहुंच गई. इसका कारण प्रतिकूल तुलनात्मक प्रभाव और खाद्य और ईंधन के दाम में आई तेजी है. हालांकि मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि सरकार ने आटा, चावल, मैदा आदि के निर्यात पर जो पाबंदी लगाई है, उससे इन जिंसों के दाम में नरमी आने की संभावना है.

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SourceTv9hindi

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