सावन मास का प्रारंभ हो गया है। यह मास भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है। मान्यता है कि सावन मास में ग्रहों के कुप्रभाव को शुभ प्रभाव में बदला जा सकता है। नौ ग्रहों में शनि, राहु और केतु कष्टकारी ग्रह माने जाते हैं। इन सभी ग्रहों के कुप्रभाव से व्यक्ति न चाहकर भी गलत कार्यों की तरफ चला जाता है। लेकिन सावन भगवान शिव की महिमा से इन ग्रहों के दुष्प्रभाव को शुभ प्रभाव में परिवर्तित किया जा सकता है। आइये जानते हैं कि सावन में किन उपायों से इन ग्रहों के कुप्रभाव से बचा जा सकता है।
शनि ग्रह का शुभ प्रभाव
सावन मास में शनिवार के दिन पीपल के छोटे-छोटे दो पौधे किसी स्थान पर लगाना चाहिए। इसके अलावा सावन में भगवान शिव के अंश हनुमान जी की पूजा करें। ऐसे में शनि का कुप्रभाव बदलकर सुप्रभाव हो जाएगा।
राहु ग्रह का शुभ प्रभाव
सावन मास में भगवान शिव की पूजा करने से राहु के कुप्रभाव से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा इस ग्रह के दुष्प्रभाव को खत्म करने के लिए सावन मास में सात्विक भोजन करना चाहिए।
केतु ग्रह का शुभ प्रभाव
सावन में गणेश पूजा से केतु के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। केतु के अशुभ प्रभाव को खत्म करने के लिए अपने आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
चन्द्र ग्रह का शुभ प्रभाव
चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं, इसलिए सावन तथा सोमवार व्रत से चन्द्र ग्रह के कुप्रभाव से बचा जा सकता है।
सावन में शिव पूजा और सोमवार के व्रत से कुंडली में आयु और स्वास्थ्य बाधा की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।