- सीनेट की सुनवाई में ट्विटर, फेसबुक और गूगल के सीईओ को फटकार लगाई।
- इसके साथ आगे आने वाले प्रतिबंधों की चेतावनी भी दी।
वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव (US ELECTIONS 2020) में सोशल मीडिया का किरदार अहम होता जा रहा है। यहां पर आम जनता की राय अचानक जनाधार का रूप ले लेती है। रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) ने बुधवार को सीनेट की सुनवाई में ट्विटर, फेसबुक और गूगल के सीईओ (CEOs Of Twitter,Facebook And Google) को फटकार लगाई।
प्रतिबंधों की चेतावनी भी
इन कंपनियों से शिकायत ये थी कि इनके पास जो प्लेटफॉर्म है वह विचारों को जबरदस्त तरह से प्रसारित करता है। इस सुनवाई में तीनों कंपनियों के सोशल मीडिया प्लेटफार्मों में कथित रूढ़िवादी पूर्वाग्रह को लेकर फटकार लगाई है। इसके साथ आगे आने वाले प्रतिबंधों की चेतावनी भी दी।
कानूनी जिम्मेदार लेने से बचाते हैं
ट्रंप प्रशासन ने रूढ़िवादी विचारों के खिलाफ पूर्वाग्रह के निराधार आरोपों को हटाने को कहा है। ये वे आधार हैं, जो आम तौर पर तकनीकी कंपनियों को लोगों को उनके प्लेटफार्म पर पोस्ट की गई सामग्री की कानूनी जिम्मेदार लेने से बचाते हैं।
कानून के प्रावधान को बदलने के प्रस्ताव दिया
अपनी गवाही में डोरसी,जुकरबर्ग और पिचाई ने 1996 के एक कानून के प्रावधान को बदलने के प्रस्ताव दिया था। इनसे इंटरनेट पर मुक्त भाषण की नींव के रूप में कार्य किया। जुकरबर्ग ने माना कि कांग्रेस को “कानून को अपडेट करना जरूरी है। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि यह काम कर रहा है। डोरसी और पिचाई ने कोई भी बदलाव करने में सावधानी बरतने की अपील की है।