Delhi Meerut Rapid Rail Metro: दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर पर आनंद विहार स्टेशन सबसे बड़ा इंटरचेंज हब तो होगा ही, यहां पर रैपिड रेल भी जमीन के महज आठ मीटर नीचे दौड़ेगी। इतनी कम गहराई वाला यह देश का पहला स्टेशन होगा। यही नहीं, कोनकोर्स लेवल (टिकट काउंटर सहित अन्य सुविधाओं वाला खुला स्थान) भी भूतल पर ही होगा। इसका प्रवेश द्वार मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार के साथ पैदल रास्ते के माध्यम से जुड़ा होगा। दिल्ली में इस कॉरिडोर का हिस्सा 14 किमी का है और इस हिस्से में तीन स्टेशन होंगे। सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार। इसके बाद रैपिड रेल उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर जाएगी। सराय काले खां और न्यू अशोक नगर स्टेशन एलिवेटेड होंगे, जबकि आनंद विहार स्टेशन भूमिगत होगा। सराय काले खां स्टेशन अंतरराज्जीय बस अड्डे और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से एकीकृत होगा, जबकि न्यू अशोक नगर स्टेशन मेट्रो स्टेशन के साथ जुड़ा रहेगा।
आमतौर पर कोई भी भूमिगत स्टेशन जमीन से 20 मीटर की गहराई पर दो तलों में बंटा होता है। एक तल पर टिकट काउंटर सहित अन्य जन सुविधाएं रहती हैं और उससे नीचे वाले तल पर ट्रेन चलती है, लेकिन आनंद विहार में मेट्रो एलिवेटेड होने के बावजूद इसके पिलर जमीन में नीचे तक डले हुए हैं। ऐसे में अगर रैपिड रेल स्टेशन 20 मीटर की गहराई पर ही बनाया जाता है तो उससे मेट्रो के पिलरों को नुकसान पहुंच सकता है। चूंकि यहां पर रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, अंतरराज्जीय बस अड्डा व रैपिड रेल स्टेशन सभी कुछ एक जगह होने से आनंद विहार को मेगा इंटरचेंज हब बनाया जाना है, लिहाजा इस स्टेशन को कहीं और भी नहीं ले जाया जा सकता।
एनसीआर परिवहन निगम ने अपने इंजीनियरिंग विभाग की रिपोर्ट के बाद यहां पर रैपिड रेल स्टेशन केवल एक ही तल पर और केवल आठ मीटर की गहराई पर बनाने की तैयारी कर ली है। इससे मेट्रो पिलर को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा और इस स्टेशन बनाने की निर्माण लागत भी अपेक्षाकृत कम रह जाएगी। स्टेशन के प्रवेश तथा निकास द्वारों को इस तरह तैयार किया जाएगा कि आइएसबीटी आनंद विहार एवं कौशांबी बस अड्डा, रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने के लिए यात्रियों को बाहर नहीं निकलना पड़े। इसके लिए जगह की उपलब्धता के हिसाब से वहीं पर सबवे या फुट ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे।