केंद्र सरकार चाह तो रही है कि किसान नेताओं से बातचीत कर नए कृषि क़ानून पर बीच का कोई रास्ता निकल जाए. लेकिन, किसान नेता क़ानून वापस लेने की माँग पर अड़े हैं. अब तक छह दौर की बातचीत हो चुकी है.
पहले सचिव स्तर की बातचीत हुई, फिर मंत्री स्तर की बातचीत हुई. फिर मंगलवार रात को सरकार में नंबर दो का दर्जा रखने वाले अमित शाह की एंट्री हुई. लेकिन किसानों को मनाने की कोशिशें अब तक सिफ़र ही साबित हुईं.
पिछले शनिवार सूत्रों के हवाले से इस तरह की ख़बरें भी आई कि किसानों की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वरिष्ठ मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक की है.
केंद्र सरकार ऐसी बातचीत से संकेत देने की कोशिश कर रही है कि सरकार अपने रुख़ पर अड़ी नहीं है. बड़ा दिल दिखाते हुए उन्होंने किसानों की बात पर विचार किया और क़ानून में कुछ संशोधन के लिखित प्रस्ताव भी उन्हें बुधवार को भेजे हैं. किसानों ने सरकार के लिखित प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
साथ ही सरकार ये बात भी स्पष्ट तौर पर कह रही है कि नए कृषि क़ानून वापस नहीं लिए जाएँगे.