पश्चिम बंगाल में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाई कार्तिक बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है. कार्तिक बनर्जी का कहना है कि वो चाहते हैं पश्चिम बंगाल में वंशवाद की राजनीति का अंत होना चाहिए. ममता बनर्जी के भाई का ये बयान बंगाल की चुनावी जंग में एक नई बहस को हवा दे सकता है.
वंशवाद को लेकर जब कार्तिक से पूछा गया कि क्या उनका निशाना ममता बनर्जी पर ही है, तो उन्होंने कहा, ‘मैं सामान्य तौर पर राजनीति में दोहरेपन की बात कर रहा हूं. राजनीति सिर्फ लोगों के लिए होनी चाहिए, उनके जीवन को सुधारने के लिए. जो लोग राजनीति में हैं, उन्हें भूलना नहीं चाहिए कि संतों ने आखिर क्या सलाह दी थी. राजनेताओं को पहले लोगों के बारे में सोचना चाहिए, फिर परिवार के बारे में.’
कार्तिक से जब बीजेपी में शामिल होने की संभावनाओं या किसी तरह के राजनीतिक ऑफर के बारे में सवाल हुआ तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा, ‘भविष्य में क्या होगा, वो अभी नहीं जानते हैं. जब मुझे कुछ कहना होगा, वो बयान जारी करेंगे. तबतक वो इसपर कुछ साफ नहीं कहना चाहेंगे.’
बीजेपी की नजर मिशन बंगाल पर
साफ है कि ममता बनर्जी के भाई कार्तिक बनर्जी का ये बयान तब सामने आया है, जब अगले कुछ महीनों में ही राज्य में चुनाव होने हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में जबरदस्त सफलता हासिल की थी, अब उसकी निगाहें विधानसभा चुनाव में महाजीत पर है. बीजेपी की ओर से लगातार टीएमसी में सेंध लगाने की कोशिश की जा रही है, शुभेंदु अधिकारी और अन्य कई नेताओं का बीजेपी में शामिल होना इसी अभियान का हिस्सा है.
अगर वंशवाद की बात करें तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हों या फिर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, हर किसी के निशाने ममता बनर्जी का वंशवाद ही रहता है. बीजेपी का आरोप है कि ममता बनर्जी अपने भतीतजे अभिषेक बनर्जी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने के लिए जमीन तैयार कर रही हैं.
यही कारण है कि बंगाल में बीजेपी की ओर से ‘दीदी’ के नाम से मशहूर ममता बनर्जी को पीशी (आंटी) कहने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि अभिषेक बनर्जी से जुड़े मुद्दे को भुनाया जा सके.