अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार शाम की नमाज के दौरान हुए विस्फोट में 20 लोग मारे गए हैं। इस विस्फोट में सैकड़ों लोगों के घायल होने की भी खबर है। धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। घटना की शुरुआत में तालिबान ने मौत के आंकड़े को छिपाने की कोशिश की, लेकिन बाद में बताया गया कि 20 लोगों की मौत हुई है। घायलों को काबुल के अलग-अलग अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक है कि इस विस्फोट के पीछे इस्लामिक स्टेट का हाथ हो सकता है। काबुल में हुए कई धमाकों में इस्लामिक स्टेट की भूमिका सामने आई है।
20 लोगों की मौत, सैकड़ों घायल
तालिबान की पुलिस ने मरने वाले लोगों की संख्या को लेकर कुछ नहीं बताया है। उन्होंने यह नहीं बताया कि घायलों की तादाद कितनी है। तालिबान के एक ख़ुफ़िया अधिकारी ने बताया कि कम से कम 35 लोग घायल हुए हैं या मारे गए हैं और मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। वहीं, अल जजीरा ने एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से बताया कि मरने वालों की संख्या 20 है। घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मरने वालों और घायलों की तादाद बताई गई संख्या से कई गुना अधिक हो सकती है। नमाज के वक्त मस्जिद में काफी लोग मौजूद थे।
मरने वालों में मस्जिद का इमाम भी शामिल
सूत्र ने बताया कि मारे गए लोगों में मस्जिद का इमाम भी शामिल है और मरने वालों की संख्या अभी भी बढ़ सकती है। खुफिया टीमें विस्फोट स्थल पर मौजूद हैं और घटनास्थल की जांच कर रही हैं। तालिबान सरकार के अन्य अधिकारियों ने हताहतों की संख्या की पुष्टि करने के लिए कई अनुरोधों का जवाब नहीं दिया है। तालिबान के अधिकारी शुरू से ही अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट की मौजूदगी से पल्ला झाड़ते रहे हैं। इसके बावजूद सीरिया और इराक में पैदा हुआ यह खूंखार आतंकी समूह अफगानिस्तान में लगातार अपनी जड़े जमा रहा है।
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