31.1 C
New Delhi
Wednesday, March 27, 2024

एलन मस्क ने ऐसा क्या कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें गिरने लगी

इस ट्वीट के बाद ही बिटक्वाइन की क़ीमत में 10 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.

मार्च में टेस्ला ने ऐलान किया था कि वह क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए भी खरीद को स्वीकार करेगा. इसके बाद कई पर्यावरणविदों और निवेशकों ने टेस्ला के इस क़दम का विरोध किया. फरवरी में कार बनाने वाली इस कंपनी ने बताया था कि उसने 1.5 अरब की डिजिटल करेंसी खरीदी है.

लेकिन गुरुवार को कंपनी ने अपना फ़ैसला वापस ले लिया.

इसके बारे में एलन मस्क ने लिखा, “हम बिटक्वाइन ट्रांजैक्शन-बिटक्वायन माइनिंग के लिए बढ़ते जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से चिंतित हैं, ख़ास कर कोयले के इस्तेमाल पर चिंतित हैं जिससे सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन होता है. क्रिप्टोकरेंसी का विचार काफी अच्छा है लेकिन इसके लिए पर्यावरण की भारी क़ीमत नहीं चुकाई जानी चाहिए.”

मस्क ने ये भी साफ़ किया कि कंपनी अपने खरीदे हुए बिटक्वाइन नहीं बेचेगी बल्कि जब माइनिंग के लिए स्थायी ऊर्जा का इस्तेमाल होगा तब टेस्ला अपनी करेंसी का इस्तेमाल करेगी.

बाज़ार की समझ रखने वालों का कहना है कि टेस्ला ने ये क़दम अपने निवेशकों की चिंताओं को देखते हुए उठाया है क्योंकि कंपनी के निवेशक जलवायु परिवर्तन को लेकर काफी फोकस्ड हैं.

बर्मन इनवेस्ट कंपनी की प्रमुख जुलिया ली कहती हैं, “पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट प्रशासन (ईएसजी) मुद्दे अब कई निवेशकों के लिए प्रमुख हैं. टेस्ला, एक स्वच्छ ऊर्जा-केंद्रित कंपनी होने के नाते पर्यावरण क्षेत्र में बेहतर काम करना चाहती है.”

हालांकि वो ये भी कहती हैं, “हो सकता है कि एलन मस्क की आलोचना एक ऐसा क़दम हो जिससे वो क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार को और प्राभावित कर सकें. जैसा कि वह इससे पहले कई बार कर चुके हैं.”

‘क्या सचमुच मस्क बिटक्वाइन के पर्यावरण पर असर से अजान थे?

बीबीसी टेक्नालजी संवाददाता रोरी कैलेन जोनसका विश्लेषण

बात जब तकनीक और पर्यावरण की हो तो ये शायद ही संभव है कि एलन मस्क को इसकी कम या अधूरी जानकारी हो.

जब साल 2016 में मैंने उनका इंटरव्यू किया था जो उन्होंने बेहद जोशीले अंदाज़ में टेस्ला के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा था की वह यातायात को स्थाई ऊर्जा पर आधारित बनाना चाहते हैं ताकि जलवायु परिवर्तन के ख़तरे को कम किया जा सके.

ऐसे में ये थोड़ा हैरान करने वाला है कि उन्हें अब पता चला है कि बिटक्वाइन पर्यावरण के हित में नहीं है.

कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिट के सेंटर फ़ॉर अल्टरनेटिव फ़ाइनेंस में बिटक्वाइन में कितनी बिजली की खपत होती है इसका एक इंडेक्स लगाया गया है, इसमें साफ़ दिखता है कि बिटक्वाइन की माइनिंग में कितने सारे कम्यूटर पावर इस्तेमाल किए जाते हैं. ये नेटवर्क मलेशिया या स्वीडन के सालाना इस्तेमाल किए जाने वाले पावर से भी ज़्यादा होता है.

बिटक्वाइन का समर्थन करने वाले कहते हैं कि ये पावर अक्षय ऊर्जा से पैदा होती है लेकिन हक़ीक़त ये है कि सबसे ज़्यादा क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार चलाने वाले चीन में हैं जहां ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत कोयला है.

जब फरवरी में मस्क ने बिटक्वाइन को लेकर ऐलान किया था तो इससे बिटक्वाइन की क़ीमत में बड़ा उछाल आया था लेकिन अब उनके ताज़ा फ़ैसले के बाद बिटक्वाइन की क़ीमत में गिरावट हुई है.

पिछले महीने, टेस्ला ने साल के पहले तीन महीनों के लिए मुनाफ़े की घोषणा की जो 438 मिलियन डॉलर था. ये बीते साल के मुक़ाबले 16 मिलियन डॉलर ज्यादा था. इस मुनाफ़े के पीछे एक अहम वजह बिटकॉइन और पर्यावरण क्रेडिट की बिक्री थी.

मस्क सबसे हाई-प्रोफ़ाइल शख्स हैं जो बिटक्वाइन के मुरीद रहे. वह कई बार बिटकॉइन और डोजक्वाइन को लेकर ट्वीट कर चुके हैं. हालिया महीनों में इलॉन मस्क के ट्वीट ने डोजक्वाइन को दुनिया का चौथा सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी बना दिया.

- Advertisement -
SourceBBC Hindi

Latest news

- Advertisement -spot_img

Related news

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here