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Friday, September 20, 2024

Delhi To London Bus: दिल्ली से लंदन के लिए चलेगी बस, 15 लाख होगा किराया, जानिए कौन-कौन से देश घुमाएगी और कितने दिन लगाएगी

नई दिल्ली: कभी बस से पूरी दुनिया घूमने की सोची है? शायद ही किसी के मन में ऐसी बात आई हो। अगर आपने भी कभी ऐसा सोचा है तो जल्द ही आपकी कल्पनाओं को हकीकत के पंख लग सकते हैं। भारत-म्यांमार सीमा पर आवाजाही सामान्य होने के साथ ही अब दिल्ली से लंदन के लिए बस सेवा (Delhi To London Bus) शुरू करने की प्लानिंग हो रही है। उम्मीद की जा रही है यह सेवा इसी साल सितंबर महीने से शुरू (When Delhi To London Bus start) हो जाएगी।

दिल्ली से लंदन की यात्रा में आपको कुल 18 देशों में घूमने का मौका मिलेगा। इस पूरी यात्रा में करीब 20 हजार किलोमीटर की यात्रा की जाएगी, जिसे पूरा करने में बस को लगभग 70 दिन लगेंगे। अगर आपको भी यह बेहद रोमांचक लग रहा है तो जल्द ही आपको इस यात्रा का मौका मिल सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि आपको इसके लिए 15 लाख रुपये खर्च करने होंगे, जिसमें बस का टिकट, वीजा और तमाम देशों में रुकने की व्यवस्था भी शामिल है।

बस के जरिए आप जिन 18 देशों की यात्रा करेंगे, उनमें भारत, म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, चीन, किर्गिजस्तान ,उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, रूस, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, चेक गणराज्य, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। दिल्ली से लंदन बस सेवा चर्चा में आते ही लोग Calcutta से london की बस सेवा के बारे में बात करने लगे हैं, जो करीब 1973 तक जारी रही।

आज से 72 साल पहले कोलकाता से लंदन और लंदन से ऑस्ट्रेलिया के बीच लग्जरी बस सेवा चलती थी। यह दुनिया का सबसे लंबा बस रूट था। लंदन से कलकत्ता की बस यात्रा में 45 दिन लगते थे। इसका एक तरफ का किराया उस समय 145 पाउंड था। उस समय के हिसाब से यह किराया बहुत महंगा था। कोलकाता आने वाली यह बस लंदन, बेल्जियम, पश्चिम जर्मनी, ऑस्ट्रिया, यूगोस्लाविया, बुल्गारिया, तुर्की, ईरान, अफगानिस्तान, पश्चिम पाकिस्तान होते हुए भारत पहुंचती थी।\

दुनिया की सबसे लंबी बस यात्रा में 20,000 किलोमीटर का रूट कवर होता था। इस बस का रूट लाहौर से अमृतसर, दिल्ली, आगरा, इलाहाबाद, बनारस होते हुए कलकत्ता था। बस सेवा का साल 1972 में कोलकाता से लेकर लंदन तक का किराया 145 पाउंड था। बाद में यह किराया बढ़ गया, लेकिन कोलकाता-लंदन के इस किराए में बस का भाड़ा, खाना, नाश्ता और रास्ते के होटलों में रुकने की सुविधा शामिल थी।

कोलकाता-लंदन के बस यात्रियों को स्लीपिंग बर्थ (Sleeping Berth) की सुविधा मिलती थी। यात्रा के दौरान खिड़की से यात्री बाहर देख सकते थे। लंदन की इस बस में सैलून, किताब पढ़ने की जगह और बाहर देखने के लिए एक खास बालकनी थी। बस के टिकट में लिखा होता था कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर बंद हुए तो यात्रियों को पाकिस्तान में हवाई जहाज से ले जाया जाएगा।

कोलकाता से लंदन जाने वाले लोगों में से बहुत कम लोग 1950 के दशक में उड़ान भरने की क्षमता रखते थे। बस चलाने वाली कंपनियां यात्रियों से उनके पासपोर्ट और 10 फोटो तैयार रखने को कहती थी। कुछ लोग अपना वीजा खुद लगवा लेते थे लेकिन बाकी व्यवस्था बस चलाने वाली कंपनी भी कर देती थी। कुछ बसों में रात को ठहरने की व्यवस्था होती थी, जबकि कुछ होटल के कमरे की व्यवस्था कर लेते थे। इस रूट पर चलने वाली एक बस पूरी तरह एयर कंडीशन थी जबकि एक बस का टैगलाइन था सफर में आपके घर की तरह का आराम।

कोलकाता और लंदन के बीच चलने वाली इस बस का रूट नया नहीं था। यह ओरिएंटल एक्सप्रेस ट्रेक था। लंदन से कोलकाता आने के लिए बहुत से लोग उस समय इस बस की यात्रा करना चाहते थे। बाद में जब पाकिस्तान के साथ विवाद बढ़ा तो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बॉर्डर पर लोगों को दिक्कत होने लगी। उसके बाद काबुल तक इस बस से लोग आते और वहां से अमृतसर के लिए फ्लाइट लेकर ट्रेन से कोलकाता चले जाते।

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