मौसम विज्ञानियों के अनुमानों के मुताबिक ही बादलों की सक्रियता का दौर बना हुआ है। आसमान में गुरुवार दोपहर बाद से ही बादलों की आवाजाही का दौर शुरू हो गया जो शुक्रवार की सुबह तक बना रहा। वातावरण में नमी में इजाफा भी हुआ है और लोकल हीटिंग का असर भी है, ऐसे में गुरुवार की शाम से लेकर रात तक कई इलाकों में रह रहकर बूंदाबांदी का दौर भी रहा। सोनभद्र जिले में इस दौरान बारिश भी हुई है। हालांकि, वाराणसी में कुछ ही इलाकों में मामूली बूंदाबांदी का ही दौर रहा। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि अरब सागर के बादलों का असर अगले चौबीस घंटों में पहुंचने की उम्मीद है। हालांंकि लोकल हीटिंग की वजह से बादलों की सक्रियता भी सुबह 11 बजे के बाद शुरू हो गया।
शुक्रवार की सुबह आसमान में बादलों की आवाजाही का दौर बना रहा, सुबह ठंडक का असर बना रहने से लोगों को सुबह ठंडक भी महसूस हुई। हालांकि, सुबह नौ बजते बजते आसमान में बादलों की सक्रियता खत्म हो गई और बादलों की मामूली सक्रियता ही शेष रह गई। ऐसे में दस बजते बजते वातावरण में गर्मी का भी खूब अहसास शुरू हुआ और धूप भी तल्खी भरी लगने लगी। मौसम विज्ञानियों के अनुसार आने वाले दिनों में बादलों की सक्रियता बारिश भी करा सकती है। वहीं दूसरी ओर मैदानी क्षेत्रों के अलावा अरब सागर में भी मानसूनी हालात बनने के संकेत मिल रहे हैं। उम्मीद है कि पूर्वांचल में आने वाले 45 दिनों में मानसून भी दस्तक दे देगा।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 41.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य ये दो डिग्री अधिक रहा, न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 40 फीसद और न्यूनतम 27 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट के अनुसार अरब सागर के बादल गुजरात तट तक पहुंच चुके हैं। वहीं लोकल हीटिंग की वजह से वाराणसी और आसपास भी बादलों की सक्रियता मामूली तौर पर बनी हुई है। आने वाले एक दो दिनों में वातावरण से पर्याप्त नमी होने पर बादल पानी भी गिरा सकते हैं। मौसम विभाग ने तीन से पांच मई तक बारिश या बूंंदाबांदी का अंदेशा भी जताया है।