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Saturday, September 21, 2024

आईओसी यानी इस्लामिक सहयोग संगठन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अयोध्या में पहले से ध्वस्त बाबरी मस्जिद के स्थान पर ‘राम मंदिर’ के निर्माण और उद्घाटन की निंदा करते हैं

नई दिल्ली: अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से एक दो नहीं, बल्कि पूरे 57 मुस्लिम देशों को मिर्ची लगी है. भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से मुस्लिम देशों के संगठन ‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ (ओआईसी) भड़क उठा है और सार्वजनिक बयान जारी कर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की निंदा की है. आईओसी यानी इस्लामिक सहयोग संगठन ने अयोध्या राम मंदिर समारोह पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अयोध्या में पहले से ध्वस्त बाबरी मस्जिद के स्थान पर ‘राम मंदिर’ के निर्माण और उद्घाटन की निंदा करते हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है.

इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन पर गंभीर चिंता व्यक्त की. आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव ने अयोध्या में पहले से बनी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर हाल में बनी राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन पर चिंता व्यक्त की. अपने पिछले सत्रों में विदेश मंत्रियों की परिषद द्वारा व्यक्त ओआईसी की स्थिति के अनुरूप जनरल सचिवालय इन कार्यों की निंदा करता है. इसका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे इस्लामिक स्थलों को नष्ट करना है, जो पांच शताब्दियों से उस जगह पर बाबरी मस्जिद के रूप में खड़ी थी.’

भारत विरोधी रहा है यह संगठन
यहां बताना जरूरी है कि यह इस्लामिक सहयोग संगठन वही है, जो बार-बार कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का साथ देता रहा है और कई बार भारत के खिलाफ बयान जारी कर चुका है. पाकिस्तान इसका सक्रिय सदस्य है. पाकिस्तान शुरू से ही ओआईसी के मंच को कश्मीर मुद्दे के लिए इस्तेमाल करता रहा है और उसने कश्मीर में धारा 370 खत्म करने के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित कराया था.

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