नई दिल्ली : अयोध्या में भगवान रामलला का मंदिर बनकर तैयार है. भगवान रामलला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री राम जन्मभूमि परिसर में ही जटायु की मूर्ति का शिलान्यास करेंगे. वहीं पर राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले कार सेवकों की स्मृति में लगाई गई जटायु की प्रतिमा पर ही बलदानियों को श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इस दरमियान अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि भी प्रधानमंत्री देंगे. शहीद कारसेवकों के परिवार प्रधानमंत्री द्वारा किए गए कार्यों को लेकर उत्साहित हैं. प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुक्रवार से अनुष्ठान भी प्रारंभ किया है.
राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले कोठारी बंधु की बहन पूर्णिमा कोठारी भी अयोध्या पहुंची हुई हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री के द्वारा शहीद कार सेवकों को श्रद्धांजलि दिए जाने पर खास बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने राम मंदिर का निर्माण कराकर ही बहुत बड़ी श्रद्धांजलि कार सेवकों को दी है.
पूर्णिमा कोठारी ने कहा कि समस्त अनुष्ठानों में बलिदानी कारसेवकों का नाम भी लिया जा रहा है. उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि आज भैया के बलिदान को 33 वर्ष हो चुके हैं और 33 वर्ष पश्चात उनके बलिदान की सार्थकता मंदिर निर्माण के साथ दिख रही है. हमारे लिए यह बहुत ही अतुलनीय है. मेरे लिए जीवन की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. मेरे दोनों भाइयों ने जिस कार्य के लिए अपना बलिदान दिया, वह कार्य आज संपन्न हो रहा है.
पूर्णिमा कोठारी ने कहा कि मेरा सपना था कि मैं प्रधानमंत्री से मिलूं और उन्हें दंडवत प्रणाम करूं, क्योंकि उन्होंने मेरा वह सपना पूरा कर दिया जिसकी मुझे आशा नहीं थी. राम मंदिर के सपने को लेकर मेरे माता-पिता इस दुनिया से चले गए. मुझे भी लग रहा था कि मैं यह सपना साकार होते देख पाऊंगी कि नहीं. आज प्रधानमंत्री ने वह सब संभव करके दिखाया है.
वहीं राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले कारसेवकों के परिजन रविंद्र धनकर ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में कार सेवा के दौरान हमारे बड़े भाई राजेंद्र प्रसाद धनकर शहीद हुए थे. रविंद्र ने कहा कि आज प्रधानमंत्री राम मंदिर के उद्घाटन में आ रहे हैं. हमें सौभाग्य मिला है कि वहां जाएंगे और उनसे मिलेंगे. यह गौरवान्वित करने वाला पल है. आज हमारे भाई की शहादत काम आ गई. राम जन्मभूमि परिसर में कारसेवकों कि स्मृति में जटायु की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे और शहीद परिवार से मिलेंगे. यह हमारे लिए बहुत ही सुखद पल होगा.