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Saturday, September 21, 2024

गर्भगृह में आए रामलला, कहां विराजेंगे भाई लक्ष्मण-भरत और शत्रुघ्न, पूरानी मूर्ति का क्या होगा?

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या स्थित राम मंदिर में आगामी 22 जनवरी को होने वाले अभिषेक समारोह से पहले भगवान रामलला की नई मूर्ति गुरुवार को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रख दी गई. मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई 51 इंच की रामलला की मूर्ति को गुरुवार रात मंदिर में लाया गया. रामलला की 51 इंच की मूर्ति की पहली तस्वीर जब सामने आई तो उसका चेहरा घूंघट से ढका हुआ था और रामलला को खड़ी मुद्रा में दिखाया गया. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. अब सवाल उठता है कि आखिर रामलला की नई मूर्ति स्थापित होने के बाद सालों तक टेंट में रहे रामलला की उस पुरानी मूर्ति का क्या होगा.

सीएनएन-न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, भगवान राम (रामलला विराजमान) और उनके भाइयों की मूल मूर्तियां गर्भगृह के अंदर रामलला की नई मूर्ति के सामने ही स्थापित की जाएंगी. रामलला की मूल मूर्ति को वर्तमान में परिसर के अंदर अस्थायी मंदिर में रखा गया है और 22 जनवरी के ‘प्राण प्रतिष्ठान’ समारोह से पहले उन्हें ‘गर्भगृह’ के अंदर नए मंदिर में रामलला की नई मूर्ति के सामने शिफ्ट कर दिया जाएगा. बता दें कि 1949 से रामलला की पुरानी मूर्ति की ही पूजा की जा रही है. 20 और 21 जनवरी को संपूर्ण मंदिर परिसर आम जनता के लिए बंद रहेगा.

कैसी है रामलला की नई मूर्ति
रामलला की नई मूर्ति को श्रीमुख (देवता का चेहरा) को छोड़कर ‘गर्भगृह’ के अंदर खुला यानी बगैर कवर किए हुए रखा गया है. इसका अनावरण 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में किया जाएगा. नई मूर्ति एक चौकी पर रखे जाने के बाद अब आठ फीट ऊंची है. रामलला की मूल मूर्ति केवल छह इंच ऊंची है, जबकि उनके भाइयों, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न और भगवान हनुमान की मूर्तियां और भी छोटी हैं.

रामलला के संग उनके भाइयों का भी करेंगे दर्शन
यही वजह है कि राम मंदिर ट्रस्ट ने रामलला की एक बड़ी खड़ी मूर्ति बनाने का फैसला किया, ताकि भक्तों को आराम से भगवान के भव्य दर्शन मिल सकें. श्रद्धालु अब नई मूर्ति के साथ-साथ रामलला और उनके भाइयों की मूल मूर्तियों के भी संयुक्त दर्शन कर सकेंगे. रामलला की नई मूर्ति बनाने वाले मैसूर के कलाकार अरुण योगीराज ने केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य और इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्तियां भी बनाई हैं.

मंदिर ट्रस्ट ने क्या बताया
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि राम लला की नई मूर्ति का ललाट सुंदर है और आंखें बड़ी हैं और यह शायद भगवान राम लला का सबसे दिव्य चित्रण है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे, जिसके अगले दिन मंदिर जनता के लिए खोले जाने की उम्मीद है. मंदिर में प्रतिष्ठा समारोह की रस्में पहले ही शुरू हो चुकी हैं.

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