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Saturday, September 21, 2024

एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहेंगे या नहीं! फैसला कुछ ही देर में

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे विवाद का आज पटापेक्ष हो जाएगा. इसके साथ यह भी साफ हो जाएगा कि राज्य में एकनाथ शिंदे सरकार बनी रहेगी या नहीं. विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर इस पर अपना फैसला सुनाएंगे. स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले में आज शाम अपना रुख स्पष्ट करेंगे. स्पीकर के फैसले से राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चल रही है सरकार को लेकर चल रही अटकलें दूर हो जाएंगी. जानकारी मिली है कि स्पीकर ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, आज वे विधानसभा भवन में इसका खुलासा करेंगे. फैसला सुनाने से पहले विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि नियमों के अनुसार ही फैसला सुनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि फैसले में सभी के साथ न्याय होगा.

जानकार कहते हैं कि अगर फैसला शिवसेना (यूबीटी) के पक्ष में आता है और एकनाथ शिंदे तथा उनके विधायकों को अयोग्य ठहराया जाता है तो महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार गिर जाएगी. इसका असर लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा. क्योंकि इसी साल लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. हालांकि एकनाथ शिंदे गुट निश्चिंत है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है.

बता दें कि लगभग डेढ़ साल पहले शिवसेना में बगावत हुई थी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के कुछ विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बिगुल फूंका था. जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र सरकार का तख्ता पलट किया था. शिंदे बीजेपी के समर्थन से राज्य के नए मुख्यमंत्री बन गए. शिंदे ने अपने समर्थकों के साथ दावा किया कि उनकी पार्टी ही असली शिवसेना है. इस पर उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए एक याचिका दाखिल की थी. उद्धव ठाकरे की याचिका के बाद ही एकनाथ शिंदे ने ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका दाखिल कर दी थी. कोर्ट ने सारा मामला विधानसभा स्पीकर के पाले में डाल दिया कि स्पीकर ही विधायकों की योग्यता-अयोग्यता का फैसला करेंगे. इसके लिए पहले तो 31 दिसंबर की तारीख तय की गई थी. बाद में इसे बढ़ाकर 10 जनवरी का दिन मुकर्रर कर दिया गया.

ठाकरे गुट के विधायक
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे गुट के जिन विधायकों की योग्यता पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी उनमें सुनील राऊत, कैलास पाटिल, नितिन देशमुख, अजय चौधरी, भास्कर जाधव, उदय सिंह राजपूत सहित 14 विधायक शामिल हैं.

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